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                                ि
               श्रीमिी जया सूया चल्लम
                 े
               सवा तनवृत्त राजभाषा अधधकारी
               बीएसएनएल चेन्नई टलीफोन्स
                                    े
                                                                 ें
                                                       स्वणणिम याद


                                                                    े
                                                                                                          ें
                                                                                               े
                                                         ै
               क्रकतना‍ अद्भुत‍ और‍ महत्वपूणि‍ र्वषय‍ ह‍ यह‍ !‍ चन्नई‍ वाणी‍ गृह‍ पत्रिका‍ क‍ पच्चीसव‍
                                                                                                       ै
               संस्करण‍का‍प्रकाशन‍इस‍वषि‍हो‍रहा‍ह‍।‍अपनी‍ही‍पत्रिका‍अब‍रजत‍जयंती‍मना‍रही‍ह‍।‍
                                                      ै
               राजभाषा‍कायान्वयन‍क‍पथ‍पर‍यह‍एक‍मील‍का‍पत्थर‍ह‍।‍25‍वषि‍पूवि‍चन्नई‍टलीफोन‍
                                      े
                                                                          ै
                                                                                            े
                                                                                                   े
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               कायालय‍क‍पूवि‍सहायक‍ननदशक‍(राजभाषा)‍श्रीमती‍एन.कामाक्षी‍जी‍क‍अथक‍प्रयास‍ने‍इस‍
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                                                                                 े
               पत्रिका‍का‍नींव‍डाला‍था‍।‍पत्रिका‍तब‍से‍त्रबना‍क्रकसी‍रुकावट‍क‍साल‍दर‍साल‍प्रकामशत‍
                                                        ें
                                                                  े
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                               ै
               होती‍जा‍रही‍ह‍।‍पत्रिका‍क‍प्रकाशन‍म‍चेन्नई‍टलीफोन्स‍क‍उच्च‍अधिकाररयों‍ने‍अत्यंत‍
                                                                                                े
                       ें
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               मािा‍ म‍ सहयोग‍ प्रदान‍ क्रकया‍ था‍ ।‍ ‍ चेन्नई‍ वाणी‍ की‍ इस‍ कामयाबी‍ क‍ पीछ‍ राजभाषा‍
               अनुभाग‍ क‍ सभी‍ अनुवादकों,‍ जैसे‍ श्रीमती‍ जमुना‍ क ृ ष्णराज,‍ श्रीमती‍ लीना‍ बैनजी,‍ श्रीमती‍
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                                                                                          े
               मीरा‍ श्रीननवासन,‍ श्रीमती‍ क.टी.अमृतवल्ली,‍ श्रीमती‍ रमा‍ मोहन,‍ श्रीमती‍ क.मृदुला,‍ श्रीमती‍
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               दीजप्त.डी.‍नायर‍और‍कमिचाररयों‍श्रीमती‍जी.पुष्पलता,‍श्रीमती‍एस.माला,‍श्रीमती‍वैजयंती‍दवी‍
                                                                                                       े
               भास्कर,‍श्री‍पी.जे.शेखर,‍श्री‍एस.वकटरमणन,‍श्रीमती‍सी.‍श्रीलक्ष्मी,‍श्रीमती‍एच.वी.वैजयंती‍
                                                  ें
                                                                             ैं
               और‍श्रीमती‍गीता‍मडयम‍का‍हाथ‍रहा‍ह‍।‍सभी‍दहंदी‍प्रेमी‍ह‍और‍सभी‍ने‍श्रद्िा‍व‍लगन‍
                                                        ै
                                                                                      े
               क‍ साथ‍ दहंदी‍ की‍ सेवा‍ म‍ अपना‍ कतिव्य‍ ननभाया‍ था‍ ।‍ वे‍ बिाई‍ क‍ पाि‍ ह‍ ।‍ चेन्नई‍
                                                                                               ैं
                                          ें
                 े
                                                                                                    े
                                     े
               टलीफोन्स‍कायािलय‍क‍प्रनतभा‍संपन्न‍कमिचाररयों‍ने‍भी‍पत्रिका‍को‍प्रनतवषि‍सफलता‍क‍साथ‍
                 े
                                                                   े
                                                                                        ुँ
                                                                          ि
                                ें
               प्रकामशत‍करने‍म‍हमारा‍साथ‍ददया‍।‍आप‍सबको‍मरी‍हाददक‍शुभकामनाए‍।
                                                                 े
                                                                                                          े
                                                                                                     ैं
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               चेन्नई‍टलीफोन्स‍कायालय‍म‍मर‍जो‍ददन‍गुज़र‍व‍मर‍जीवन‍काल‍क‍स्वर्णिम‍ददन‍ह‍।‍व‍
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               खुमशयों‍और‍गमों‍क‍ददन‍ह‍।‍नए‍नए‍अनुभवों‍व‍जज़म्मदाररयों‍क‍ददन‍ह‍।‍नतमलस्मात‍स‍
                                   े
                                                                                                          े
                                                                        े
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                               ैं
               भर‍हए‍ददन‍ह‍।‍क्रकसी‍भी‍कायि‍को‍अपनी‍सहमलयों‍क‍साथ‍ममलजुल‍कर‍क्रकया‍था‍।‍
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                        ं
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                                                                                              े
                                                                    ें
               उसकी‍सपूणिता‍व‍सफलता‍हमार‍र्वचारों‍की‍एकता‍म‍थी‍।‍मरी‍सवा‍ननवृर्त्त‍क‍दौरान‍मर‍
                                                                                  े
                                                                                                          े
                                                                             े
               अर्वस्मरणीय‍सेवाकाल‍क‍बार‍म‍मैंने‍इस‍कर्वता‍की‍रचना‍की‍थी‍:
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                                                      यादों की माला
                                                                  ें
                                                         े
                                           हर‍याद‍जब‍मेर‍जीवन‍म‍समाने‍लगी,
                                                    े
                                                े
                                                                             े
                                             िीर-िीर‍मैं‍एक‍अद्भुत‍माला‍र्परोन‍लगी‍।
                                           एक‍ऐसी‍माला‍जो‍मेर‍सपनों‍को‍सजाने‍लगी‍।
                                                               े
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