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                                       भारिीय परपराएं और उनका वैज्ञातनक महत्व
                                                  ं

                       हमार‍दश‍म‍बहत‍सी‍परपराएं‍सालों‍से‍चल‍रही‍ह‍।‍और‍हमार‍पूविजों‍क‍मसखाए‍
                                   ें
                           े
                              े
                                                ं
                                                                                        े
                                                                                                 े
                                                                          ैं
                                       ु
                                                                                                ं
                                                           े
               अनुसार‍हम‍उन्ह‍मानते‍भी‍आ‍रह‍ह‍।‍लक्रकन‍क्या‍आप‍जानते‍हैं‍क्रक‍इन‍परपराओं‍का‍
                                                      ैं
                                ें
                                                   े
               वैज्ञाननक‍महत्व‍भी‍ह‍?
                                    ै
                                                े
                                                                         ै
                                                              ें
                                                                                        े
               उगिे सूरज को जल चढ़ाना:‍हमार‍पूविजों‍ने‍हम‍मसखाया‍ह‍क्रक‍सूयोदय‍स‍पूवि‍उठना‍चादहए‍
               और‍उगते‍सूरज‍को‍जल‍                                                  चढ़ाना‍    चादहए‍     ।‍
               इसका‍ वैज्ञाननक‍ कारण‍                                                यह‍माना‍जाता‍ह‍क्रक‍
                                                                                                      ै
                             े
               सूयोदय‍     क‍     समय‍                                               ममलनेवाली‍
               ऑक्सीजन‍ शुद्ि‍ होती‍                                                 ह‍ और‍ हम‍ स्फ ू नति‍
                                                                                      ै
                                                                                                  ें
               प्रदान‍ करती‍ ह‍ ।‍ सूयि‍                                             को‍ जल‍ चढ़ाते‍ वक्त‍
                               ै
                                                                                      े
               सूयि‍की‍क्रकरण‍जब‍जल‍                                                स‍ होती‍ हई‍ व्यजक्त‍
                              ें
                                                                                                ु
                           ै
                                                                               ै
               पर‍पड़ती‍ह‍तो‍उसकी‍कफ, वात, र्पत्त‍जैसे‍रोगों‍का‍नाश‍होता‍ह‍।‍

                                            े
                                                                                                ें
                                                                                    ै
               माथे पे तिलक लगाना:‍हमार‍यहाुँ‍माथे‍पे‍नतलक‍लगाने‍का‍ररवाज़‍ह‍।‍औरतों‍म‍जहाुँ‍इसे‍
                                                                                           ै
               सुहाग‍ का‍ प्रतीक‍ माना‍                                             जाता‍ ह,  तथा‍ आदमी‍
                                                                                                    े
                            े
               भी‍ पूजन‍ क‍ बाद‍ नतलक‍                                              लगाते‍ह‍।‍इसक‍पीछ े‍
                                                                                            ैं
               वैज्ञाननक‍कारण‍यह‍ह‍क्रक‍                                            माथे‍ पे‍ जजस‍ जगह‍
                                     ै
                                        ै
               नतलक‍ लगाया‍ जाता‍ ह,                                                वहाुँ‍ की‍ नस‍ पे‍ दबाव‍
               पड़ने‍ से‍ व्यजक्त‍ की‍                                               यादाश्त‍ तथा‍ एकाग्रता‍
               बढ़ती‍ह‍।‍
                       ै

                                                                                                   ैं
               हाथ जोड़कर नमस्िे करना:‍हम‍दोनों‍हाथ‍जोड़कर‍सामनेवाल‍का‍अमभवादन‍करते‍ह‍।‍यह‍
                                                                            े
               हमारी‍सभ्यता‍ह‍।‍इसक‍पीछ‍                                      वैज्ञाननक‍ कारण‍ यह‍ ह‍ क्रक‍
                                              े
                                                                                                     ै
                                ै
                                        े
                                                                                                   े
                                                                                                े
                                                                                      ुँ
                                                                               ं
               हाथ‍ जोड़ते‍ वक्त‍ हमारी‍ सारी‍                                 उगमलया‍एक‍दूसर‍स‍जुड़ती‍
                                       ें
                 ैं
                            े
               ह‍ और‍ इनक‍ दबाव‍ म‍ आुँख,                                     कान‍ और‍ ददमाग‍ की‍ दबाव‍
               त्रबंदु‍ सक्रक्रय‍ हो‍ जाती‍ ह‍ ।‍                             इससे‍सामनेवाल‍व्यजक्त‍को‍
                                          ै
                                                                                              े
                                              ें
                                                                                            ै
               लंबे‍ समय‍ तक‍ याद‍ रखने‍ म‍                                   मदद‍ममलती‍ह।‍
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