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                                                                                     वररष्ठ  हहंदी  अनुवादक

                                                                                भारि संचार तनगम मलममटड
                                                                                                        े
                                                                                         चेन्नई  टलीफोन्स
                                                                                                  े
                                                      संपादकीय


                                                                े
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                       भारत संचार ननगम मलममटड चेन्नई टलीफोन्स की वार्षिक गृह पत्रिका चेन्नई
               वाणी ने वषि 1997 में अपनी यािा शुरु की और िीर  िीर बढकर आज उसक पच्चीसव                     ें
                                                                                               े
                                                                     े
                                                                           े
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               अंक तक पहुँच गई है । उस आप क े हाथ में समर्पित करने में बडी खुशी हो रही है । ई-
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               पत्रिका क े ऱूप में यह चन्नई वाणी का चौथा अंक है ।
                       इस अंक में दहंदी, अंग्रेजी, तममल तीनों  भाषाओं की रचनाएं शाममल की गई हैं ।

               आज दहंदी   कप्यूटर क े क्षेि में भी आग है और दहंदी भाषी कप्यूटर का प्रयोग अपनी

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                                                                                ं
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               भाषा में कर सकते हैं  । राजभाषा का सम्मान करना हम सब का कतिव्य है ।  राजभाषा
               दहंदी भारतीयता को सक्रक्रयता दती है ।
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                       यह  बहत  गवि  की  बात  है  क्रक  नराकास  (पी.एस.यू)  चेन्नई  क े  कायिकलापों  में
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               हमार कायािलय की भागीदारी सराहनीय रही और हमार साधथयों को अपनी प्रनतभा का
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               प्रदशिन हतु एक उपयुक्त मंच ममला ।
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                       पत्रिका क े र्वमोचन में जजन अधिकाररयों, कमिचाररयों ने हमारा सहयोग ददया है

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               उनका मैं ददल से आभार प्रकट करती ह ।
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                        पत्रिका को और श्रष्ठ बनाने क े मलए आपक सुझावों का स्वागत करते हैं । सभी
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               पाठकों को दहंदी ददवस की शुभकामनाए ।



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